Article 370 Review: शानदार अभिनय – शानदार फ़िल्म, फ़िल्म कहीं से भी उबाऊ नहीं

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अनुच्छेद 370 समीक्षा: ‘आर्टिकल 370’ 23 फरवरी 2024 को सिनेमाघर में रिलीज हो गई है । यह फिल्म रियलिटी बेस्ड इवेंट पर बनाई गई है। जिसमें बॉलीवुड का फिक्शनल तड़का लगाया गया है। हालांकि इसका Article 370 Trailer देखने के बाद में लोगों को यही लग रहा था कि बॉलीवुड फिर से एक राजनीति शास्त्र से भरी हुई Article 370 Movie लेकर आने वाला है जहां फिर से किसी एक पार्टी की वाहवाही होगी। परंतु यह Article 370 Film दर्शकों की एक्सपेक्टशंस पर एकदम खरी उतर रही है। Article 370 Movie में यामी गौतम और प्रियामणि मुख्य भूमिका में देखी जा रही है । इसके अलावा स्कंद, संजीव ठाकुर, संदीप चैटर्जी ,अरुण गोविल, राज जुत्शी जैसे मंझे हुए कलाकार भी इस फिल्म में अपनी कला का लोहा मनवा रहे हैं।

Article 370 Review: केवल फैक्ट बेस्ड फ़िल्म

जैसा कि इसका शीर्षक ही इस Article 370 Movie की आधे  से ज्यादा कहानी हमें बता दे रहा है ,आर्टिकल 370 उसी मुद्दे पर बनी फिल्म है जिस मुद्दे को भाजपा के नेतृत्व वाली NDA सरकार ने 5 अगस्त 2019 को निरस्त कर दिया था। जानकारी के लिए बता दें कश्मीर में Article 370 भाजपा सरकार द्वारा 5 अगस्त 2019 को निरस्त कर दिया गया था ,इसी मुद्दे को लेकर डायरेक्टर और प्रोड्यूसर ने एक फिल्म बनाई है जिसे बॉलीवुड के तड़के के साथ दर्शकों के लिए परोसा गया है। यह पूरी की पूरी फिल्म Article 370 को निरस्त करने के मुद्दे के आसपास घूमती है । Article 370 को निरस्त करने पर सरकार के सामने कौन-कौन सी मुसीबतें आईं? Article 370 को निरस्त करने के लिए सरकार ने क्या किया और इस  दौरान सरकार को और कश्मीर के लोगों को क्या झेलना पड़ा? इस बारे में इस Article 370 Film में काफी हद तक असलियत दिखाने की कोशिश की गई है।

अनुच्छेद 370 की कहानी: कलाकारों ने फूंकी है जान

कलाकारों की बात करें तो यामी गौतम इस मूवी में एक NIA अधिकारी जुनी की भूमिका में दिखाई दे रही है ,जबकि प्रियामणि राजेश्वरी स्वामीनाथन की भूमिका में दिखाई दे रही है । इस पूरी फिल्म को छह अलग-अलग भागों में दिखाया गया है । पूरी फिल्म में आर्टिकल 370 को निरस्त करने के दौरान होने वाली घटनाओं के बारे में सत्य को उजागर करने की कोशिश की गई है।

फिल्म में दिखाया गया है कि किस प्रकार Article 370 को हटाने के लिए कश्मीर में गहराई से जांच पड़ताल की गई । कैसे कश्मीर में बढ़ती हिंसा ने सरकार को जम्मू कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द करने का फैसला लेने पर मजबूर किया । इस पूरी मूवी में कहीं भी देशभक्त ,राष्ट्रवादिता की बात नहीं की गई है । यह फिल्म पूरी की पूरी सत्य घटना पर आधारित है जो असल में जम्मू कश्मीर की संघर्ष की कहानी कहती है । आदित्या धर और मोनाल ठाकुर के द्वारा लिखित फिल्म के संवाद असल में कश्मीर में हुई हिंसा और सत्य घटनाओं को दर्शाते हैं।

फिल्म में नरेंद्र मोदी का किरदार अरुण गोविंद निभा रहे हैं जो समय-समय पर कड़े फैसले लेने के लिए पूरी फिल्म में मजबूर हो रहे हैं। इस फिल्म में उनकी सधी हुए कलाकारी और मंझे हुए डायलॉग उनके किरदार को और बेहतर तरीके से प्रदर्शित कर रहे हैं। इसके अलावा लालची  कश्मीरी राजनेता ,ब्रेनवाश किए गए आतंकवादी और पत्थर बाजी तथा जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल जगमोहन के मकड़जाल के बारे में साफ तौर पर दिखाया गया है । इस फिल्म में नोटबंदी के मुद्दे पर भी बात की गई है कि नोटबंदी का फैसला आतंकवादियों तक पैसे पहुंचाने से रोकने के लिए लिया गया था।

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Article 370 Story: फ़िल्म कहीं से भी उबाऊ नही

इस पूरी फिल्म में आपको एक पेशेवर प्रोडक्शन और एक बिना किसी मेलोड्रामा के डायरेक्शन देखने को मिलेगा । एक्शन की दृष्टि से देखे तो यह बेहद ही प्रभावशाली फिल्म साबित हो रही है। मूवी की स्पीड की बात करें तो बुरहान वानी के एनकाउंटर से लेकर पुलवामा हमले ,बालाकोट हमले ,पत्रकारों द्वारा उड़ाए गए मानवाधिकारों के मजाक, बड़े पैमाने पर हुई गिरफ्तारियां और महीनों तक चली सुरक्षा बंदिशें के बारे में इतनी सटीक तौर से दिखाया गया है कि यह फिल्म आपको कहीं भी उबाउ नहीं लगती। Article 370 Film की स्पीड और डायलॉग डिलीवरी काफी बेहतर है जो दर्शकों को सीट पर बांधे रखने के लिए काफी है।

असलियत दिखाने की पुरजोर कोशिश

तो कुल मिलाकर अगर हम बात करें पॉलिटिकल फैसले पर बेस्ड फिल्म की तो यह फिल्म दर्शकों को निश्चित रूप से भायेगी। यह आदित्या धर की बिल्कुल उसी जोन की मूवी है जिस जोन की उरी द सर्जिकल स्ट्राइक थी । लोगों को ऐसी फिल्में ही अपनी और आकर्षित करती हैं जहां फैसले के पीछे की प्लानिंग और प्लाटिंग के बारे में विस्तारित रूप से दिखाया जाए। जिस प्रकार सर्जिकल स्ट्राइक की खबर तो सबको थी परंतु वह किसी प्रकार हुई है किसी को नहीं पता था । इसी तरह आर्टिकल 370 हटाने की खबर तो सबको थी पर उसके लिए कश्मीर में क्या किया गया और किस प्रकार किया गया और कश्मीर के आम नागरिक को क्या झेलना पड़ा इस बारे में इस पूरी मूवी में काफी गहराई से दिखाया गया है।

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निष्कर्ष: Article 370 Review

कुल मिलाकर अगर मूवी की बात करें तो आर्टिकल 370 रियलिटी बेस्ड मूवी है जो थोड़े बहुत फिक्शन के साथ दर्शकों के लिए पेश की गई है । जो निश्चित रूप से इंगेजिंग है और 2 घंटे 40 मिनट का लंबा रनटाइम होने के बावजूद भी यह दर्शकों को सीट पर बांध के कर रखती है।

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